ब इतना भी ना बांटो, कि अपने ही दिल ओर दिमाग में भी बट जाए । ब इतना भी ना बांटो, कि अपने ही दिल ओर दिमाग में भी बट जाए ।
ये सूरज का निकलना और, शाम होते ही ढल जाना, बताता है हमें फानी ये सूरज का निकलना और, शाम होते ही ढल जाना, बताता है हमें फानी
कलम ताक़त है न कि कोई कटार, जिसे जब चाहा उतार दिया ,शब्दों के सीने में और कर दिया उन्हें बेजुबान कलम ताक़त है न कि कोई कटार, जिसे जब चाहा उतार दिया ,शब्दों के सीने में और कर दि...
उठो 'मानव' निन्द्रा तोड़ो 'किरण' का तुमको आया पैग़ाम। उठो 'मानव' निन्द्रा तोड़ो 'किरण' का तुमको आया पैग़ाम।
कर रहे हैं वे शहर की इस तरह रखवाली कर रहे हैं वे शहर की इस तरह रखवाली
जो बोलना हो खुल कर बोलो ऐसा तो कोई रिवाज नहीं।। जो बोलना हो खुल कर बोलो ऐसा तो कोई रिवाज नहीं।।